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लेखनी प्रतियोगिता -01-Apr-2023 दूसरा मौका


                                 दूसरा मौका

       "   बैभव  बेटा मेरी  बात ध्यान से सुनलो मै तुम्हें यह दूसरा मौका देरहा हूँ । इसके बाद मै तुम्हारी कोई बात धही सुनूँगा। अब अपने मम्मी पापा से जाकर बात करलो। इसके बाद मै मान्या की शादी अपनी मर्जी से कही भी  कर दूँगा।" सूरज प्रकाश ने बैभव को अपना फैसला सुनाते हुए कहा।

        "ठीक है अंकल मै आज ही मम्मी से बात कर लेता हूँ। आप मेरा दो दिन तक इन्तजार करलो। मै  मान्या के बिना जीवित नही रह सकता हूँ। वह मेरा पहला प्यार है। आप हम दोनौ को एक होजाने दो। यदि मेरे पापा नही मानेगें तब मै कोर्ट में जाकर शादी करने को तैयार हूँ।" बैभव हाथ जोड़ते हुए बोला।

        "नहीं बैभव मै ऐसा कभी नहीं करूँगा। मेरे एक ही बेटी है । मैने क्या क्या अरमान सजोये है और तू चाहता है मै इसकी शादी कोर्ट में जाकर करदू। ऐसा कभी नही होगा। शादी तभी होगी जब तू बारात लेकर आयेगा।" सूरज प्रकाश ने साफ शब्दौ में उसे फटकार लगाते हुए कहा।

       बैभव मान्या से बहुत प्यार करता था। लेकिन वह आज तक इसके बिषय मे अपने मम्मी पापा को नही बता सका था। इसका कारण  था बैभव का अपने पापा से डर? क्यौकि बैभव के पापा ने अपने बडे़ बेटे को आजतक अपने घर के दरवाजे के अन्दर नही आने दिया था। उसने भी लव मैरिज की थी। इसी लिए उसने अपने व मान्या के प्यार के बिषय में किसी को नहीं बताया था।

      बैभव के पापा को लव मैरिज से बहुत चिड़ थी। उनको यह सब फालतू की बकवास लगती थी। इसी लिए बैभव मान्या के प्यार के बिषय में आज तक नही बता सका था। वह जानता था कि उसके पापा यह कभी भी स्वीकार नही करेंगे।

      सूरज प्रकाश ने दो दिन तक बैभव के जबाब की प्रतीक्षा की लेकिन वही हुआ जिसका सूरज प्रकाश को  अनुमान था।

       सूरज प्रकाश ने अपनी बेटी मान्या को किसी तरह समझा दिया और उसकी शादी अपने पसन्द के लड़के से करदी। सूरज प्रकाश की मान्या की शादी के कुछ समय बाद मौत होगयी।

       मान्या की जिसके साथ शादी हुई वह लड़का मनोज बहुत ही लालची निकला। उसने सूरज  प्रकाश की मौत के बाद मान्या को परेशान करना शुरू कर दिया। वह मान्या की मम्मी के खाते से धोखे से पैसे निकालने लगा। इसका पता बहुत समय बाद चला। तबतक मनोज ने उनका खाता खाली कर डाला।

        जब मान्या व उसकी मम्मी को यह मालूम हुआ तब तक बहुत देर होचुकी थी। अब मान्या ने मनोज से दूरी बनाना आरम्भ करदी।

      एक दिन मान्या की मुलाकात बैभव से होगयी । बैभव मान्या का हाल देखकर बोला," मान्या तुमने यह क्या हाल बनारखा है ?   मनोज कैसा है? क्या वह तुम्हारा ख्याल नहीं रखता है।"

     मनोज का नाम सुनकर मान्या की आँखौ से जलधारा बहने लगी । वह बोली," नाम भी मत लो उस मक्कार का। ? उसने हमें बरवाद करडाला है। उससे तो मै अब पीछा छुडा़ना चाहती हूँ। छोडो़ तुमने शादी की  या अभी भी यौही सिंगल हो।?"

        " नहीं मान्या मै आज भी तुम्हारी प्रतीक्षा में सिंगल बैठा हूँ । मुझे अपने प्यार पर भरोसा है।एक दिन वह मेरे पास  अवश्य आयेगा।  मैने पापा से शादी की मना करदी। वह जो भी लड़की मुझे दिखाते मै उसको साफ बतादेता कि मैं किसी और से प्यार करता हूँ। और मेरे पापा इसी दुःख में हमें छोड़कर भगवान को प्यारे होगये। बैभव  ने अपना हाल बताया।

       इसके बाद मान्या ने मनोज से तलाक लेकर बैभव से शादी करली।और इसके बाद दोनौ सुख से रहने लगे।

आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश




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8 Comments

madhura

03-Apr-2023 03:35 PM

nice

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प्रिशा

03-Apr-2023 06:45 AM

Nice

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Ekta Singh

02-Apr-2023 08:11 PM

लाज़वाब स्टोरी

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